कानपुर. भाई हम तो खरी खरी कहते हैं
आपको बुरी लगे तो मत पढो, कोई जबरदस्ती तो है नहीं। बात आज दोपहर की है
साऊथ कानपुर के एक थाने में बने चबूतरे पर एक दरोगा जी हवालात में बन्द
मुलज़िम को स्मैक पिलवाने का धर्मार्थ कार्य कर रहे थे। अब कर रहे थे तो
कर रहे थे इसमें नयी बात क्या है।
SUSHMA SANDESH
(Social & Cultural Online Magazine)
Wednesday, 28 June 2017
खरी खरी – पत्रकारिता भी है अजीब धंधा, क्रिमिनल बन जाये शरीफ बंदा
कानपुर. भाई हम तो खरी खरी कहते हैं. आपको बुरी लगे तो मत पढ़ो, कोई जबरदस्ती तो है नहीं। वो क्या है न की जैसे पहले कोई भी कुकर्म करने के बाद गंगा स्नान करने से सारे पाप धुल जाते थे, अब वही काम पत्रकार बनने से हो जाता है। नहीं समझे आप ?? चलो कोई नहीं, हम समझाये देते हैं।
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